हमराह मैं रो पड़ता हूं जानकर तुम्हारे घड़ियाली आंसू मैं हस पड़ता हूं देखकर तुम्हारी झूठी हसीं। मैं परेशान हूं ये देखकर के खुद को खुदा बतला रहे हो। कह दो के मैं कुछ भी नहीं तो मैं बेफिक्र हो जाऊं। मै थकने लगा हूं देखकर के तुम मेहनत नही करते क्या मेरी कोशिशे देखकर तुम हार मान रहे हो। मै अलग चल पड़ा हूं देखकर के तुम भीड़ में शामिल हो गर पहले पहुंच जाओ मंजिल पर जरूर मिलना। हमराह मैं रो पड़ता हूं जानकर तुम्हारे घड़ियाली आंसू मैं हस पड़ता हूं देखकर तुम्हारी झूठी हसीं।