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काली रात छाया बिखेरे, गहरी अंधकार में घिरे। सितारो

काली रात छाया बिखेरे,
गहरी अंधकार में घिरे।
सितारों की चमक नहीं होती,
चाँदनी की किरणें नहीं तपकती।

अँधेरी रात की गोद में बसे,
दुख और दर्दों के आँसू बहे।
कठिनाइयों का सामना करते,
हम खुद को मजबूती से सम्हालते।

काली रात में सुरमई आवाज़ें,
घूमती हैं अनकही कहानियाँ।
भयभीत मन को शांति मिलाती,
मुसीबतों की लहरों से लड़ाती।

अँधेरी रात के अंदर छिपी,
सौंदर्य की गहराई दिखती।
सबर की मिठास से जीने को,
दिल में आशा की रौशनी लिए जीती।

©aditi jain
  #काली रात Senty Poet jameel Khan AK Haryanvi Chouhan Saab Raj Sabri