Nojoto: Largest Storytelling Platform

सिमट कर बाहो मे तेरी फसाने मोहब्बत के यूं ही जेब-

सिमट कर बाहो मे तेरी
फसाने मोहब्बत के यूं ही 
जेब-ए-दास्तां हो गए
रूहानी बज़्म मे कहीं,

वादा-ए-फर्दा मे झलकती है
पूरी करने की मेरी हर ख्वाहिश 
तेरे ज़हन मे कही,
कशिश तेरी मुझे खिंचती है
तेरे दरमियां उम्र-ए-राफ्ता से हर पल ही,
साज़ छिड़ता है जब भी तेरी तड़प का
गज़ल मेरी भी मशहूर होती है
तेरी जिन्दगी की महफिल मे तभी। जेब-ए-दास्तां :- मुख्य विशेषताएं
उम्र-ए-रफाता :-पिछला जन्म

❤ प्रतियोगिता- 623

 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 

 👉🏻🌹"वक़्त निकलता रहा"🌹
सिमट कर बाहो मे तेरी
फसाने मोहब्बत के यूं ही 
जेब-ए-दास्तां हो गए
रूहानी बज़्म मे कहीं,

वादा-ए-फर्दा मे झलकती है
पूरी करने की मेरी हर ख्वाहिश 
तेरे ज़हन मे कही,
कशिश तेरी मुझे खिंचती है
तेरे दरमियां उम्र-ए-राफ्ता से हर पल ही,
साज़ छिड़ता है जब भी तेरी तड़प का
गज़ल मेरी भी मशहूर होती है
तेरी जिन्दगी की महफिल मे तभी। जेब-ए-दास्तां :- मुख्य विशेषताएं
उम्र-ए-रफाता :-पिछला जन्म

❤ प्रतियोगिता- 623

 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 

 👉🏻🌹"वक़्त निकलता रहा"🌹