नज़दीकी मुनासिब नही हमारे दरमियां अदायें इतना मत दिखाओ गुज़ारिश है तुमसे तुम मुतमईन रहते हो मेरे लाख बोलने पर इतना शोर मत मचाओ गुज़ारिश है तुमसे ये हर बार का रूठना मनाना क्या है सब इतना हक़ मत जताओ गुज़ारिश है तुमसे बारिशों में भीगे काग़ज़ से तुम्हारे एहतियात गल के छिटक न जाओ गुज़ारिश है तुमसे मेरे रास्ते मे एक दीवार पड़ती है मतलब की उस मतलब से तुम निकल जाओ गुज़ारिश है तुमसे मेरे अंदर से जो तुम बसे हो दीमक से बिन गुज़ारिश निकल जाओ गुज़ारिश है तुमसे #NojotoQuote ग़ुज़ारिश #mythoughts #mywords #myfeelinginwords #mycollectionofwords #followmefast