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मुझे दो नज्मों का साथ देकर, तुमने पूरी ग़ज़ल सुनी म

मेरी सुर्ख हतेलियो पर, 
तुमने बारिशें रख कर !
कितनी दफे अपनी चाहतो से, 
मेरे हिज्र को भिगाया है !

मेरे थके मेले अरमान रखे खूंटियो पर, 
धूल कर लिबाज सा, उनको नया बनाया है !
मेरी हसरतें रह गयी थी मकसदों में पीछे,

मेरी सुर्ख हतेलियो पर, तुमने बारिशें रख कर ! कितनी दफे अपनी चाहतो से, मेरे हिज्र को भिगाया है ! मेरे थके मेले अरमान रखे खूंटियो पर, धूल कर लिबाज सा, उनको नया बनाया है ! मेरी हसरतें रह गयी थी मकसदों में पीछे, #Love #Emotions #people #Poet #moments #hindi_poetry #nojitohindi #abhidev_तृष्णा #Hishiv

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