भाई कैसे होते हैं बंद कर इन आंखों को सोचती हूं भाई कैसे होते हैं भाई को बयां करें जो वो शब्द कहां से लाऊं मैं, शब्द भी कम पड जाते हैं जो लिखूं कि भाई ऐसे होते हैं। बहना को आगे कर पापा से अपनी बात वो मनवाते हैं, उसी बहना के आगे खड़े चट्टान से उसकी हर मुश्किल से लड़ जाते हैं। कोई हो न हो साथ कभी पर भाई साथ हमेशा देते हैं। मां न हो पास अगर तो खुद मां बन जाते हैं। पापा बन वो कभी बहन को लाड लड़ाते हैं रात में डर जाए कभी तो प्यार से थपकी दे सुलाते हैं। भाई बन सताते हैं कभी तो कभी दोस्त बन समझाते हैं। बहना की एक मुस्कुराहट पे अपनी हर खुशी लुटाते हैं। छोड़ के जाने की बात करे जो तो गुस्सा हो जाते हैं, फिर भी गोद उठा के विदा कर बहना को खुद समाज की रीत निभाते हैं। पोंछ कर आंसू बहना के मुस्कुरा कर अपने आंसू छुपाते हैं। जब लगता है रोक न पाएंगे खुद को तो दूर कहीं छुप मन को अपने समझाते हैं। राखी के दिन एक तोफे के लिए लड़ते हैं, फिर देके तोफा अनमोल सा कोई अपना प्यार जताते हैं। संभले न कोई चीज भी उनकी उनसे, फिर भी बहना के प्यार को हमेशा कलाई पे सजा के रखते हैं। लड़ते हैं, झगड़ते है,रूठते है, सताते है, चिल्लाते हैं, रुलाते हैं, फिर भी दुनिया में सबसे ज्यादा बहना को ही वो चाहते हैं। फिर कहूंगी मैं एक बार यही की शब्द भी कम पड जाते हैं जो लिखूं कि भाई कैसे होते हैं........ भाई कैसे होते हैं # Brother's love