बदली सी होती यादें तो घूम घूम घुमड़ घुमड़ बारिश बन बरस जाती बरस कर फिर थम भी जाती। होती गर चाँद सी ये यादें तो अमावस के रहते रहती पूनम की रोशनी में छंटती होती गर फूल सी खिल ,मुरझा,झड़ जाती सब कुछ दफ़न कर जाती होती ओस तो आकर फिर वापस सूख जाती पर यह तो लगती मुझे विशाल हिमखंड सी जमी रहती है कतरा कतरा पिघलती है कतरा कतरा पिघलती है..... Anupama Jha #यादें#चाँद#पूनम#अमावस#ओस#फूल#हिमखंड #YQbaba#YQdidi #poetry#YoPoWriMo बदली सी होती यादें तो घूम घूम घुमड़ घुमड़