तेरे हर गम खरीद लूं अपनी सारी खुशियां बेचकर तेरे अश्कों को इजाजत दूँ बस अपने ही पलको पर तेरे पैरों में बांध दूं खुशियों को पायल बनाकर हर सपनों को कैद कर दूं काजल तेरी आंखों का बनाकर परेशानियों को परेशान कर दूं अपने खुदा से मैं कहकर मैं सारे रस्मो रिवाजों को तोड़ दूं बस तेरे एक इशारे पर ©विजय #Hriday