न जाने किसका दस्तक होता है मेरे हर ख्वाब में, मगर उसका चेहरा रहता हर दफा नकाब में, पता तो चले कि आखिर कौन है ये मल्लिका-ए-हुस्न, कभी मौका तो मिले उसकी दीदारी का बेहिजाब में। #ख्वाब #दस्तक #चेहरा #नकाब #मल्लिका_ए_हुस्न #दीदार #बेहिजाब