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**बौद्ध धर्म शांति का धर्म** जब -जब मन उदास हो

**बौद्ध धर्म शांति का धर्म** 

  जब -जब मन उदास होता है, 
चली जाती हूँ मैं, 
अपनी खिड़की पर, 
औ'घंटों निहारती हूँ 
उस पीपल के पेड़ को, 
जो सदा की ही भांति 
शांत,मौन और स्थिर भाव से, 
हिलते हुये मुझे धैर्य औ साहस देता है। 
 
ऐसा लगता है.!! 
मानों कह रहा हो 
"जिंदगी के रहस्य को समझो, 
मगर उलझो मत, 
उसे जिओ,मगर रोओ मत। 
 
इसी जीवन को  
समझने की चाह ने, 
राजकुमार सिद्धार्थ को
 "बुद्ध " बना दिया । 
पर.. 
एक सच है, 
मुझमें ही सारी शांति निहित  है।

©shailja ydv
  बुद्ध पूर्णिमा
shailjayadav8882

shailja ydv

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बुद्ध पूर्णिमा #विचार

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