तितली;प्रेम पलता है इक दूजे के एहसास में कोई नियम नही है-२;बस एक फलसफा है जैसे बीजों का धरती की गोद में पल जाना हवाओं का उनकी जुल्फों में कंघी कर जाना चांदनी का चाँद पर बिखर जाना;कुछ ऐसे ही जब होंगे इक दूजे के लिये बारिश में छतरी बनकर इक अनकहे वादे में तितली-२ #part_7#my_life#titli#love#promise_day