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तुमसे प्रेम है या नहीं, अनजान हूं इस बात से लेकिन

तुमसे प्रेम है या नहीं,
अनजान हूं इस बात से
लेकिन तुम जुडे़ हो मेरे
हर सुकूं के एहसास से
मेरी आंखों की नमी चुराये,
भर दिये लबों पर मुस्कान,
बेरंग सी जिंदगी थी मेरी और 
भर दिये रंग तुमने कुछ खास से
पास रहो या रहो दूर मुझ से
खास हो और खास ही रहोगे,
हां तुम वहीं हो...
जो जुड़ा है हर एहसास से!

©pratibha singh thakur (krishnapremika...) #pratikishan
तुमसे प्रेम है या नहीं,
अनजान हूं इस बात से
लेकिन तुम जुडे़ हो मेरे
हर सुकूं के एहसास से
मेरी आंखों की नमी चुराये,
भर दिये लबों पर मुस्कान,
बेरंग सी जिंदगी थी मेरी और 
भर दिये रंग तुमने कुछ खास से
पास रहो या रहो दूर मुझ से
खास हो और खास ही रहोगे,
हां तुम वहीं हो...
जो जुड़ा है हर एहसास से!

©pratibha singh thakur (krishnapremika...) #pratikishan