लिखी तो है मगर बड़ी देर से मेरे हिस्से में भी खुशियाँ सारी अभी तो है बहुत कुछ मेरे पास दुःख दर्द गम आँसू के बादल भारी होती है बरसात मेरे ही आँगन में इन्हें समेट लेने की भी है जिम्मेदारी खेल तो वो भी खेले है बेईमानी के मेरी आदत में बसी हुई है ईमानदारी बेवफ़ाई तो मैंने भी सीख ली सबसे बस जो रोके है मुझे मेरे दिल की खुद्दारी लिखी तो है मगर बड़ी देर से मेरे हिस्से में भी खुशियाँ सारी अभी तो है बहुत कुछ मेरे पास दुःख दर्द गम आँसू के बादल भारी होती है बरसात मेरे ही आँगन में इन्हें समेट लेने की भी है जिम्मेदारी खेल तो वो भी खेले है बेईमानी के मेरी आदत में बसी हुई है ईमानदारी