हम भी तो कुछ तुम जेसे है, तुम भी तो कुछ हम जेसे हो | फिर ये अपना और परायापन क्या? हँसी ठिठौली समज है आती, ताली बजाकर रुक जाना क्या? दिवाली ईद तो हो तुम भी मनाते, फिर अलग तुम्हे इस तरह बतलाना क्या ?? गलती कही तुम्हारी तो थी हि नही ' छक्का, हिजड़ा लोग तुम्हे है बुलाते! फिर मानव मात्र एक सामान का नारा दोहराना क्या?? ? ---rimi for transgender