मैं कहाँ कह पाई तुमसे वह सब जो कहना था कभी... मैं कहाँ बटोर पाई उस बिखरे मन को जो बिखरा था पीछे कभी... मैं कहाँ बढ़ा पाई रुके क़दमों को जो थमे थे अतीत में कहीं... मैं कहाँ सुना पाई मन की बात तुम्हें श्रवण पट किये तुमने कभी.. मैं कहाँ बना पाई तुमको अपना कभी दूर हुए तुम जब वहाँ कभी... 🌹 #mनिर्झरा #yqhindi #yqdidi #bestyqhindiquotes #वियोग #रस #yqtales #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं