करवा चौथ की रात थी दिल में तब से एक बात थी, काश मैं भी देख पाती तुम्हारा मुख और भूल जाती अपने सारे दु:ख, न जाने वो आई कैसी घड़ी थी जिसमें टूट गई मेरे हाथों की चूड़ी थी, आज तलक उम्मीद का दीया जलाये बैठी हूं तुझसे मिलने की आस में, दरवाजे पर नैना बिछाये बैठी हूं... #249thquote #aestheticthoughts #yourquotedidi #yourquotebaba #restzone