हवा और दुपट्टा रश्क होता है इन हवाओं से कुछ कहते क्यों नही इनसे बर्दाश्त कैसे कर लेते वो जो उनका दुपटटा उड़ा ले जाता है गर पसंद है हवा की गुस्ताखी तो,वो बताये फिर हमारी ऐसी गुस्ताखियों पर गुस्सा क्यों आता है कुँवर सुरेन्द्र रश्क होता है इन हवाओं से कुछ कहते क्यों नही इनसे बर्दाश्त कैसे कर लेते वो जो उनका दुपटटा उड़ा ले जाता है गर पसंद है हवा की गुस्ताखी तो,वो बताये फिर हमारी ऐसी गुस्ताखियों पर गुस्सा क्यों आता है