इस कॉफी शॉप के इस टेबल पे बैठा हूं मैं कोने से कान मेरे संगीत में और आंखे ठहरी है दरवाज़े पे दिमाग में टिक टिक घड़ी की एक व्यथा विफल इंतज़ार की तेरी आदत यूं ना कभी आने की मेरी ज़िद बस राह देखने की इस ज़िद पे खड़े दो लोग ना तेरी, ना मेरी, नीयत है बदलने की पर होगे ऊपर कभी दुनिया से ये मेरे होसले जो आज है खाक से कभी होगे सितारे मेरी भी ओर, और बनेगी हकीकते सपनों से तब तुम्हे देखूंगा में दूर से जब तुम, तुम आओगी उसी दरवाज़े से… #yqbaba #yqdidi #hindi #coffee #lovequotes