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बिखरने लगती है स्याही जब तेरा नाम लिखते हैं मुझमें

बिखरने लगती है स्याही जब तेरा नाम लिखते हैं
मुझमें तुम हो खुद को बहुत सहेज के रखते हैं 
मिलने की अब ज़िद न करो ये दोस्त मेरे 
मिल गई जो ये नदी सदा के लिए समंदर में
इस मोहब्बत के सफर का हमसफ़र वही अंत है।। #NojotoQuote अन्त अनंत
बिखरने लगती है स्याही जब तेरा नाम लिखते हैं
मुझमें तुम हो खुद को बहुत सहेज के रखते हैं 
मिलने की अब ज़िद न करो ये दोस्त मेरे 
मिल गई जो ये नदी सदा के लिए समंदर में
इस मोहब्बत के सफर का हमसफ़र वही अंत है।। #NojotoQuote अन्त अनंत