जो ख़ुद को अकेला समझते हैं। अपने आप को टूटा-टूटा या फ़िर बिखरा सा महसूस करने वालों के लिए कुछ पंक्तियाँ पढ़ कर देखिये-- अगर इक ख़्वाब है गुमनाम तो उम्मीद मत खोना। हो ग़र मन में कभी पीड़ा खुली आँखों से मत सोना। यूँ फ़ितरत मौसमी से तुम कभी मायूस सा होकर! छुपाए मुह कभी अपना किसी कोने में मत रोना। 💐💐💐💐💐💐 कभी पतझड़ कभी सावन कभी शर्दी सा जीवन है। न हो ग़र कोई मन्ज़िल तो फ़िर गर्दी सा जीवन है। किसी का कर्ज़ है या फ़िर किसी का फ़र्ज़ लगता है! चुकाना है भला कैसे ये पंछी' शागिर्दी सा जीवन है। अपनी बात कहता हूँ- कैप्शन देखिये विषय- हास्य और प्रेम ( दोनो हर जगह मौजूद हैं ) 02 धागे जुड़गए आपस में मेरी रूह और तन के ! जिस दिन से क़रीब आए हो तुम मेरे मन के ! 🌺🌺🌺 प्रेम मन का सुंदरतम भाव है जो किसी का हो जाने के लिए हृदय को उत्साहित करता है। उस उत्साहित मन से--- 💐💐💐 उत्सुकता जो दिल में देकर तुमने प्रश्न बनाए हैं। बातें करके "स्वयं-स्वयं" से उत्तर उनके पाए हैं। 💐💐💐