Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक नज़्म अब भी बैठी होगी कहीं मेरे इंतज़ार में! ढूँढ

एक नज़्म अब भी बैठी होगी
कहीं मेरे इंतज़ार में!
ढूँढ अल्ताफ़ निशाँ उसके
सहरा में गुलज़ार में.

क्यों अल्फ़ाज़ न बरसे अबतक?
रुत सावन की बीत रही.
कागज़ तनहा है. और स्याही,
पड़ी क़लम में सूख रही.
भीग जाने दो कागज़ को
नज़्मों की बौछार में Finding nazm #Books #poetry #altafkalandar #kalandari
एक नज़्म अब भी बैठी होगी
कहीं मेरे इंतज़ार में!
ढूँढ अल्ताफ़ निशाँ उसके
सहरा में गुलज़ार में.

क्यों अल्फ़ाज़ न बरसे अबतक?
रुत सावन की बीत रही.
कागज़ तनहा है. और स्याही,
पड़ी क़लम में सूख रही.
भीग जाने दो कागज़ को
नज़्मों की बौछार में Finding nazm #Books #poetry #altafkalandar #kalandari