मैं लफ्ज़ नही,लहज़ा देखता हूँ, औकात नही,जज़्बात देखता हूँ, यूँ तो ख्वाहिश नही किसी की भी, मगर वक़्त बदलने पर लोगो के बदले अंदाज़ देखता हूँ। । मैं लफ्ज़ नही,लहज़ा देखता हूँ ।। ©Vasundhara #Shayari #Life #Lafz #my #thought #diary #creativewriting #badleandaz #mukhota