किसी का तुमने सौ गुनाह भी माफ किया, किसी के साथ चार क़दम भी साथ चल न पाए, किसी की मजबूरी में खुद को मजबूर देखा, किसी का हौसला तुम यूंही तोड़ आए, किसी की अधूरी कोशिश तुम्हें पूरी लगी, किसी के पूरे सच में भी सच्चाई देख न पाए, किसी की चार बातों को तुमने इश्क समझा, किसी की दुनिया बन फिर उसे यूंही छोड़ आए, बताओ ये दोहरा किरदार सही कहां? तुम सही कैसे ? और मैं गलत कहां ?? #firstquote #sanjumitra #shayar