White जीव यहाँ पर जब-जब आया। पहले रोया फिर हँस पाया।। क्या है इसके पीछे कारण। जाने केवल बस जग तारण।। कारण पूछे जो भी हमसे। कहना चाहूँ तब बस उनसे।। मृत्युभूमि इस जग को जानें। भँवर जाल यह इसको मानें।। माया चक्र में जीव फँसकर। लगता रोने सिसक-सिसक कर।। बाधा बन जब मिलती रोटी। इसने जीवन कई समेटी।। जन्म लिया तो फँस जाऊँगा। ना माया से बच पाऊँगा।। सोच यही बस पहले रोता। सत्य समझ यह वह फिर हँसता।। L7 ©Bharat Bhushan pathak #GoodMorning hindi poetry poetry poetry lovers