वो तेरी सादगी , वो तेरा शर्माना करके मेरा दीदार, वो तेरा मुस्कुराना सबसे निगाहें चुराकर, मुझसे मिलने आना फिर शर्माकर झट से, मेरे सीने से लग जाना जैसे रोया था मैं तुझे गले लगाकर, फिर दोबारा रो ना सका जो तुझसे था ए जान मेरी, वो इश्क़ दोबारा हो ना सका तेरे संग रोना, तेरे संग हंसना तुझसे ही ज़िंदगी मेरी थी तू कहती थी मैं सिर्फ तेरा था, और तू सिर्फ मेरी थी एक साथ रहना, बाते करना, लड़ना और फिर मनाना भी क्या दौर था वो मोहब्बत का, क्या खूब था वो जमाना भी जब बिछड़ गए थे हम दोनों, उसके बाद कभी मैं सो ना सका जो तुझसे था ए जान मेरी, वो इश्क़ दोबारा हो ना सका ©Deep Sharma #इश्क #दोबारा… #इश्कदोबारा #फिरकभी #हमदोनों