तेरी गलियाँ, है तो बहुत काँटों वाली, लेकिन मुझको तो लगे ये, पगडंडी फूलों वाली। मेरा हर एक कदम उठे तो, सिर्फ तेरी गलियों के लिए, वारी वारी जाऊँ वहाँ से, के काश मिल जाए तेरी एक झलक। कभी लौटू में खाली हाथ, तो कभी दिखे नज़ारा तेरा, कभी दिल मायूस होता है, तो कभी दिल को सुकून मिलता है। तेरी गलियों से गुज़र कर, पहुँचना है हमें तो तेरे दिल तक, तेरे दिल में मेरे प्यार का फूल खिलाकर, महेकानी है हमारी जिंदगी ताउम्र। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-881 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।