है अनंत अगम अनुराग तुम्हीं से चाहत मेरी बैराग तुम्हीं से तुमसे ही मेरी खुशियां सारी हरगम होते अब आजाद तुम्हीं से कैसे जिएं और मरें भी तो कैसे सासों का है अब साज तुम्हीं से हर पल बस तुमको सोंचे मन जाने कैसी लगी ये आग तुम्हीं से है अनंत अगम... ✍️ #hryadav