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White आज देखे हैं मैंने रिश्तों के बेनकाब होते मुख

White आज देखे हैं मैंने रिश्तों के बेनकाब होते मुखोटे 
जो कहते रहे कि हम साथ हैं 
पर सालों से कोई साथ ना दिया,
 दिया तो 
अकेलापन मायूसी उदासियां, 
वक्त अकेला गवाह रहा 
रिश्तों की चिंदियां उड़ा चले गए 
अपनापन और मां-बाप के प्यार परवरिश को 
लंबी गाड़ी में बैठ धुआं बना के 
उड़ा गए।

©shaanvi #जिंदगी की धूप ✍️
White आज देखे हैं मैंने रिश्तों के बेनकाब होते मुखोटे 
जो कहते रहे कि हम साथ हैं 
पर सालों से कोई साथ ना दिया,
 दिया तो 
अकेलापन मायूसी उदासियां, 
वक्त अकेला गवाह रहा 
रिश्तों की चिंदियां उड़ा चले गए 
अपनापन और मां-बाप के प्यार परवरिश को 
लंबी गाड़ी में बैठ धुआं बना के 
उड़ा गए।

©shaanvi #जिंदगी की धूप ✍️
lavishalavi1148

shaanvi

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