किसी के लिए आत्मा की जुबान किसी के लिए व्यापार है ये कलम, चलाना बड़ा ही कठिन है इसको, बिना लाइसेंस का हथियार है ये कलम l 1) कभी विरों की गाथा लिखती, कभी क्रांति के बीज़ बोती रही कहीं बदल डाले इतिहास तो, कहीं अफसरशाही में सोती रही जग को जगाने वाला शिक्षा का आधार है ये कलम 2) प्रियतम तक पहुंची दिल की बात दिल ने जब जब चलाया इसको, आग बन फैली तबाही की तरह मिटना दुष्टों ने जब जब सुलगाया इसको, हम पर है कैसे इस्तेमाल करें इसे दोनों 'नफ़रत' औऱ 'प्यार' है ये कलम 3) समाज की रग रग से वाकिफ़ रही, समझ बूझ कर लिखती गई उतार- चढ़ाव बनना-, हर बदलाव में दिखती गई कभी विनाश की जड़ बनी कभी बुनती सुधार है ये कलम 4) व्यापार बनी, हथियार बनी, आधार बनी, प्यार बनी, सम्मान बनी, सत्कार बनी मानव जीवन का सबसे बड़ा सुधार बनी सच में एक चमत्कार है ये कलम, चलाना बड़ा ही कठिन है इसको, बिना लाइसेंस का हथियार है ये कलम ..... ✍🏻 रवि बिना लाइसेंस का हथियार कलम..... ✍🏻 रवि