मैं तुझमे ढूँढता था अपनी दुनिया, बता तुझे पता है क्या.. तेरे रंग से रंगनी थी अपनी महफ़िल तेरे गुरुर ने मुझको मुझमें ही तन्हा कर दिया तेरे आगोश में लिपटे है मेरे आँसू बता तुझे पता है क्या तुझे एहसास न होगा कि तू मेरी धड़कन थी तूने हर रोज एक ख्वाब दिखाया था तुझे पढ़नी थी मेरी नमाजे सलामती की तूने फातिहा पढ़ दिया,बता मेरी खता है क्या अब भूल जाना चाहता है तू मेरे किस्से तेरी कहानी की भूमिका मै हूँ बता तुझे पता है क्या... pain of every broken heart...