ज़रूरी है ज़रुरी है कि हम तुम्हें समझें, तुम हमें समझो ज़रुरी है। क़लम की स्याह हुई ख़त्म, लहू से लिखना ज़रूरी है। ज़रूरी है कि हर कोई समझे, एक ज़िंदगी की क़ीमत, इस मातम में अपनों ख़ातिर "हृदय" मुस्कुराना ज़रुरी है। -रेखा "मंजुलाहृदय" ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #PoetInYou #corona #current_situation #Rekhasharma #मंजुलाहृदय #april 25th, 2021