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हथनी की आत्मा कहती है । क्या गलती थी मेरी । एे इ

हथनी की आत्मा कहती है ।

क्या गलती थी मेरी ।

एे इंसान क्या बिगाड़ा था तुम्हारा मैने ।

तुम तो इंसान के भेश मे हैवान हो ।

भगवान की धरती पर हैवानो का वास है ।

मातृत्व का शुख भि ना भोग सकी ऐसी अभागन हु मै ।

मेरी सिर्फ इतनी गलती थी ।

की मैने हैवान पर विश्वास किया ।

खुद ही मैने अपने  बच्चे की हत्या की ।

मैं मर गई उसका गम नहीं ।

जो अब तक जन्मा भि न था ।

उसका क्यू तुने कत्ल किया ।

हमेशा खुश रहना अमर हो जाना ।

यही है आशिश ।

ज़ो किया है उसका तुझे फल तो मिले ।

जीते जी तु जले पर तुम्हे इतना भि कस्ट ना हो ।

रब मुझे इंसाफ दे ।

©Author shivam kumar mishra #elephant #Pain #kavita #Nojoto #nojotohindi