प्रतिपल मिलती पराजय मन टूटा और कुंठित क्षय भरा हर क्षण हिम्मत हुई संकुचित पर खंड खंड साहस को फिर अखंड करना सुप्त कर्मण्य दहक को फिर से प्रचंड करना क्षुधा शिखर की और मैं विजय की पिपासा शिखर से भी उच्च होने की ये अमिट जिज्ञासा क्षय और विजय #hindi #hindilove #inspiration #indianwriters