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दिल-ए-ख्वाहिश न पूरी हुई, मिलने की आस फिर दिल मे


दिल-ए-ख्वाहिश न पूरी हुई,
मिलने की आस फिर दिल मे जगी,
तस्सबुर में मिल जाओ खत्म हो ये तिश्नगी,
अलहदा न हो कोई ख्वाहिश फिर से जगी,
या कोई ताबिर दे जाओ,
या पूरी कर जाओ दिल-ए-वस्ल की कमी,
न हो ये मुलाकात अधूरी जैसे आसमां जमीं।
 Howdy Writers ❣️.

Open for Collab 🔥• #TPsongprompt5 • #theprompter 

• Song: Tera Zikr by Darshan Raval 💙

• Winner will get testimonial shoutout 😁.
• Deadline ⏳: 1pm (Tuesday)

दिल-ए-ख्वाहिश न पूरी हुई,
मिलने की आस फिर दिल मे जगी,
तस्सबुर में मिल जाओ खत्म हो ये तिश्नगी,
अलहदा न हो कोई ख्वाहिश फिर से जगी,
या कोई ताबिर दे जाओ,
या पूरी कर जाओ दिल-ए-वस्ल की कमी,
न हो ये मुलाकात अधूरी जैसे आसमां जमीं।
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