Nojoto: Largest Storytelling Platform

ज़ख़्म मिले बहुत मुझे, दर्द से भरी हर शाम और सुबह

ज़ख़्म मिले बहुत मुझे, दर्द से भरी हर शाम और सुबह
ख़ुदा से बस इल्तिजा इतनी, ग़म की फ़िजा से दूर रहे वो  🌝प्रतियोगिता-152🌝
 
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹"इल्तिजा"🌹

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
ज़ख़्म मिले बहुत मुझे, दर्द से भरी हर शाम और सुबह
ख़ुदा से बस इल्तिजा इतनी, ग़म की फ़िजा से दूर रहे वो  🌝प्रतियोगिता-152🌝
 
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹"इल्तिजा"🌹

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
krishvj9297

Krish Vj

New Creator