कश्मीर वादि ए कश्मीर देखकर देख किस्मत को अपनी रोई है ज़न्नत की रूह बेवज़ह लुटा कर अज़मत रुसवा होई है जीत हार तो ऐ इंसाँ तेरा फ़साना था ज़न्नत पर कभी हुकूमत नहीं होई है खूबसूरती जो कभी ज़र्रे ज़र्रे में बिखरा करती थी सेब की लाली भी देख आज मिट्टी में दफ़न होई है उल्फ़त ने बसाया था, जहाँ सपनों का जहाँ.? नफ़रत ने आकर हसीं सपनों की मिट्टी ढोई है जाने कैसे.?ये हुकूमत के इंतजाम हुए हसीं झेलम आज खून के आँसू रोई है.! हँसी खुशी कभी शिकारो में बहा करती थी.? इश्क़ की गूँज अश्क़ वहशत में तबाह होई है.! बख्श दो सितमगर सूरतें कश्मीर अब रहम करो.? ज़न्नत ए तस्वीर अक्स ए अफगानिस्तान सी होई है.! ©sanjeev_mrig_trishna #NojotoQuote कश्मीर वादि ए कश्मीर देखकर देख किस्मत को अपनी रोई है ज़न्नत की रूह बेवज़ह लुटा कर अज़मत रुसवा होई है जीत हार तो ऐ इंसाँ तेरा फ़साना था ज़न्नत पर कभी हुकूमत नहीं होई है खूबसूरती जो कभी ज़र्रे ज़र्रे में बिखरा करती थी