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साथ रहूं या ना रहूं तुम याद आओगे... जब भी बारिश ह

साथ रहूं या ना रहूं तुम याद आओगे... 
जब भी बारिश होगी,मुझ संग तुम भी भीग जाओगे..
जो ख़ाब होंगे आँखों में मेरी, तुम भी उससे जी पाओगे.. 
अब जब भी सुबह,  मुझे नींद से जागएगी, तुम खुद को उसमे शामिल पाओगे... 
जब कभी सांझ ढलेगी, तुम भी उसमे ढल जाओगे.. 
स्याह रातों में चांदनी सी तुम मुझपे छा जाओगे... 
रहगुज़र चाहे बदल जाए, पर याद रखना... 
मुझे हर राह में तुम अपने साथ पाओगे...
साथ रहूं या ना रहूं तुम याद आओगे...
साथ रहूं या ना रहूं तुम याद आओगे... 
जब भी बारिश होगी,मुझ संग तुम भी भीग जाओगे..
जो ख़ाब होंगे आँखों में मेरी, तुम भी उससे जी पाओगे.. 
अब जब भी सुबह,  मुझे नींद से जागएगी, तुम खुद को उसमे शामिल पाओगे... 
जब कभी सांझ ढलेगी, तुम भी उसमे ढल जाओगे.. 
स्याह रातों में चांदनी सी तुम मुझपे छा जाओगे... 
रहगुज़र चाहे बदल जाए, पर याद रखना... 
मुझे हर राह में तुम अपने साथ पाओगे...
साथ रहूं या ना रहूं तुम याद आओगे...