*नफरतों की डायरी* बहुत मदद करती है ये नफरतों की डायरी, जब भी खुलती है दो-चार कविताएं दे ही जाती है। मैं तो बस अपना दर्द बयां करता हूँ, उसी बहाने बहुतों का दिल बहला जाती हैं। जब प्यार न हो जिन्दगीं में तो नफरत भी दवा कर देती हैं, कभी-कभी नफरत भी अपनी कैद से कुछ अच्छे पल रिहा कर देती हैं। कुछ पल के लिए ही सही इस दिल को सुकून तो पहुंचा जाती हैं, बहुत मदद करती है यह नफरतों की डायरी जब भी खुलती है दो-चार कविताएं दे ही जाती हैं। -raushan Singh *नफरतों की डायरी* बहुत मदद करती है ये नफरतों की डायरी, जब भी खुलती है दो-चार कविताएं दे ही जाती है। मैं तो बस अपना दर्द बयां करता हूँ, उसी बहाने बहुतों का दिल बहला जाती हैं। जब प्यार न हो जिन्दगीं में तो नफरत भी दवा कर देती हैं, कभी-कभी नफरत भी अपनी कैद से कुछ अच्छे पल रिहा कर देती हैं। कुछ पल के लिए ही सही इस दिल को सुकून तो पहुंचा जाती हैं, बहुत मदद करती है यह नफरतों की डायरी जब भी खुलती है दो-चार कविताएं दे ही जाती हैं _ raushan Singh #Poet #thought #Shayar #nijotohindi #Nojotoforyoupage