।। किसान ।। अब किस से आस, अब क्या ओर कौन है उसके पास, कहाँ गए वो आसमां दिखाने वाले,इस जमी को छोड़कर आज, अब क्या उतरे सड़को पर, क्या अब हम ही धरने दे, हम ही उंगाये अन्न और, हम ही ले भूख हरताल, कागजो पर लिखा है तुमने, कहकर होसो आवाज़, अब आओ कभी जमी पर भी तुम, देखने जमी की औकात, किस्सा क्या कुर्सी का ही था, किसान को समझा माशूम ही था, बड़ी खूबी से तुमने जो बाते कहीं,अंदर तुम्हारे क्या दिल नही था अब आसूँ मेरी आँख मे ही है, अब गुस्सा मेरे साथ मे ही है, पर में कोई धर्म नही जो तोड़ दूँ "संविधान" बस यकिन है मुझे, साथ है मेरे मेरे देश🇮🇳 का "संविधान" #india #indianfarmers