यह नजरों का खेल सरेआम हो जाये, तुम्हें याद करें और मुलाक़ात हो जाए 'क़िताब-ए-इश्क़' का हर पन्ना कृष्ण 'प्रेम' में डूबी कलम से लबरेज़ हो जाए जादू ऐसा चले तेरे 'प्रेम' का हमसफ़र मेरे कि, हर उपाय अब बेकार हो जाए तेरा-मेरा 'प्रेम' परवान चढ़े, डूबते भँवर से भी प्रेम की नैया अब पार हो जाए ✒Rashmi Ki kalam se 🌼🌼 लेखन संगी 🌼🌼 #restzone #rztask225 #rzलेखकसमूह #collabwithrestzone