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कैसे भूल गई वो मुझे, मेरी इस बेइंतहा मोहब्बत के बा

कैसे भूल गई वो मुझे, मेरी इस बेइंतहा मोहब्बत के बाद भी,, 
उसके यूं बदल जाने की फितरत मुझे अन्दर-ही-अन्दर सता रही है,,
फ़कत उसे देखने के लिए उसकी गली के हजारों फेरे लगाए थे मैंने,
फेर तो देखो समय का कि अब वो किसी और के साथ फेरे लेने जा रही है... words came from the bottom of my heart..
कैसे भूल गई वो मुझे, मेरी इस बेइंतहा मोहब्बत के बाद भी,, 
उसके यूं बदल जाने की फितरत मुझे अन्दर-ही-अन्दर सता रही है,,
फ़कत उसे देखने के लिए उसकी गली के हजारों फेरे लगाए थे मैंने,
फेर तो देखो समय का कि अब वो किसी और के साथ फेरे लेने जा रही है... words came from the bottom of my heart..