इससे शरीर के अंग तत्व में विकृतियां उत्पन्न होती हैं व्यक्ति बीमार होता है उसके शरीर का लचीलापन कम होता है चिकित्सकों के अनुसार शरीर की तंत्रिका प्रणाली में जितना लचीलापन होगा उतना ही शरीर प्राकृतिक ऊर्जा को ग्रहण सकेगा इसलिए बस ऋषि यों ने विनम्रता की प्रशंसा और अहंकार की निंदा की है लोगों को चाहिए कि वह देव पुरुषों की जीवन से प्रेरणा लेकर खुद समाज में सम्मानित बने तथा आसपास में सदाचरण की सुगंध विक्रेता की लंबे समय तक उनकी व्याख्याता रहे ©Ek villain #Marriage #इससे शरीर के अंग तत्व में विकृतियां उत्पन्न होती हैं