आप अनायास ही मिले अद्भुत हीर से। द्रवित हृदय की सांत्वना के स्पर्श धीर से। अभिशप्त एकाकी थी यह जीवन चर्या । तृषित मन की तृषा तृप्ति मिले क्षीर से ।