भटक रहा हूँ लहरों में क्या तू भी न किनारा देगी सन्नाटा है जिंदगी में क्या तू भी न तराना देगी कहाँ जाएगा तन्हा मुसाफिर ? क्या चमकता न सितारा देगी खो चुका है गम में जो क्या न मौसम-ए-बहारा देगी रात! क्या तू भी न सहारा देगी। #रातकाअफ़साना #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ravikirtikikalamse #ravikirti_shayari #yewaqtbhigujarjayega #musafir #ravikirti_poetry #kahanihaijotujesunanihai