Happy Janmashtami रात में दिन में जीवन के पल में; सभी ही पलों में समा गया कान्हा। गोकुल की गलियों में, ब्रज की तलियों में, कड़ कड़ में सारे छा गया कान्हा। प्रेम का अर्थ ही त्याग से जुड़ा हुआ, धरती पर आकर समझा गया कान्हा। मीठी सी मुरलिया बजाते- बजाते, सभी को इशारों पर नचा गया कान्हा। - संदीप गुप्ता #janmastmi