किसे ढूंढें कहाँ जायें किसे हाले दिल बतायें किसको भाव दिखायें। निशान आज भी जुल्मों सितम के किसको घाव दिखायें। कोई सुनता दिल की बातें तो दिल को सुकून मिलता हलचल दिल की बढ़ जाती। कोई तो अपना होता अपना सपना पूरा होता कभी रुठ जाते कोई मनाता किसको ताव दिखायें। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी किसे ढूंढें।