ख़स्ता-ए-कशमकश-ए- फ़िक्र- ओ- 'अमल में रहते है उन्हें भी इश्क़ होगा हमसे,अंजाम-ए-'अमल में रहते है यार देख बा-वस्फ़-ए-रंज-ए-हिज्र में तड़पते रहते है तुझसे कर बेइंतहा मोहब्बत,सितम हर ग़म के सहते है ©Bhawna #बेइंतहामोहब्बत