दर्द खुशियां, दुनिया से शिकायत भूल जाता हूं, उम्र तक़ाज़ा, अपनी हैसियत भूल जाता हूँ, यूँ तो खुदा से अच्छी बनती है मेरी, इश्क़ की राहों से जो गुजरूं इबादत भूल जाता हूँ....#Dj_ishq