बेख़ौफ़ फिरूं मैं, सोन चिरैया सी उड़ती फिरु मैं, ये आसमान सारा मेरा हो, नहीं आसमान में किसी बाज़ का पहरा हो, शाम को सुरक्षित अपने घोंसले पे पहुँचु, बस इतना सा सपना है।। #अंकित सारस्वत # #बेखौफ़