कभी अल्फाज नहीं मिलते तो कभी वो नहीं मिलते, मोहब्बत जो ना करते तो इतने दर्द नहीं मिलते,, मैं उनके एक इशारे पर खुद को तबाह कर सकता हूं, मगर कमबख्त उनके इशारे नहीं मिलते,, जिस दिन से कह दिया है हूर उसको, न जाने क्यों अब उसके पैर जमीन पर नहीं मिलते,, यूं तो आसमान में तारे बहुत है मगर, रात की शान अब वो जुगनू नहीं मिलते,, मुलाकातें बहुत सी की है मैंने उनसे मगर, वो कभी मुझसे अपनों की तरह नहीं मिलते,, "पंडित नरेन्द्र द्विवेदी" #shayari#love#mohabbat#sadshayari jAhid 😍 8905605344 kavi Ajay maurya(#आश्वस्त🇮🇳)